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आस्तिक या नास्तिक दिनांक – 26 अक्तुवर 2010 इस दुनिया मे आस्तिक और नास्तिक दोनो प्रकार ने लोग मिल जाएँगे, आस्तिक “ भगवान ” या “ ईश्वर ” के...
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मीडिया और पत्रकार । दिनांक – 20 दिसम्बर माननीय अनिल धारकर जी , दैनिक भाष्कर ई पेपर के संपादकीय में छपा आप का लेख ‘ खुलासा या खबर ’ पढ़ा आप...
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आकाश मे उड़ता परींदा जब देखता हूँ मै उड़ते हुए उन रंग-बिरंगे पतंगो को आकाश मे, न जोने क्यो विचारो क...
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आज की राजनीति दिनांक – 04 नवम्बर 2010 आज भारत के बुर्जआ राजनीतिज्ञ वर्ग शासन चलाने मे अक्षम हो चुके हैं। उनके पास भारतीय जनता को देने के ...
Friday, August 27, 2010
स्वत्रंतता
आज हमारे देश कि ६२ व़ा स्वत्रंतता दिवस कि सबको सुभकामनाए आजादी को अनुभव करना और उसकी खुसी को अनुभव करना तो एक पिजरे में कैद तोते से पूछे हम तो मनुष्य है हमें आजादी मिलीं भी तो किस चीज कि और कहाँ तक , आज हम आपनी आवाज बुलंद कर सकते है , हर किसी से आपनी बात बता सकते हैं , परन्तु इस बात से क्या फर्क पड़ता है, आज ऊँचे पायदान पर बैठा इन्शान जो कर रहा है ,वोह सब ठीक है किसे क्या लेना देना कह कर इतिश्री कर लेते हैं , जनता पर वही राज कर सकता है , जिसके पास यह कला होता है कि भोली भाली जनता को कम से कम सुविधाएँ उपलब्ध हो कम से कम ज्ञान हो जागरूकता भी ना हो, इस प्रकार समाज का ध्यान दूसरी ओर ना जा पायें और बह आपनी ही समस्याओ में उलझा रहे , दूसरी बात उसे सोचने का मौका ही ना मिल पाए
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