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Thursday, November 4, 2010

आज की राजनीति।

आज की राजनीति
दिनांक – 04 नवम्बर 2010
आज भारत के बुर्जआ राजनीतिज्ञ वर्ग  शासन चलाने मे अक्षम हो चुके हैं। उनके पास भारतीय जनता को देने के लिए कुछ नही बचा ऐसे मे हमारे नव युवकों को राजनीति मे आगे आना पड़ेगा और आगे आ भी रहे है,लेकिन अभी यह शुरूआती दौर मे है, समाज में कोई भी आदमी अकेला रहकर जीवन नही जी सकता । प्रत्येक मनुष्य  लोगों के बीच में, इसी समाज मे रहता हैं। उसे जिंदेगी की लड़ाई खुद ही लड़ना है। जीवन को खुशहाल बनाने की लड़ाई अकेले आदमी की लड़ाई नही है। यह पूरे समाज की लड़ाई है। सबको शिक्षा,सश्वाथ और रोजगार मिले यह लड़ाई बहुत बड़ी हैं। आज अफसोस की बात ये है कि हमारी एकजुटता को तोड़ने के लिए,जनता को आपस मे बांटने की कोशिशें होती रहती है, जाति और धर्म के आधार पर गरीबों को आपस मे ल़ड़ाया जाता हैं। हमारे देश मे निचले स्तर के गरीब अनपढ़ लोगों मे शिक्षा का अभाव आज भी मुख्य रुप से बना हुआ है, या अभाव बनाये रखा गया है । शिक्षित लोगों पर अशिक्षित लोग शासन नही कर सकते हैं, अतः ऐसे मे बहु संख्या अशिक्षित लोगों की शासन को सुचारु रुप से चलाने के लिए अल्प अशिक्षित लोग ही पर्याप्त हैं। यदि शिक्षित लोगों की संख्या ज्यादा हो जाएगी तो उन लोगों पर शासन करने के लिए उन से भी अधिक शिक्षित लोगों की आवश्यक्ता होगी । अंग्रेज शासक हमारे देश के लोगों मे फुट डालो और राज करो के निती पर तिन सौ वर्षो तक शासन किया,आज बह निती बदल कर समाज को अशिक्षित और कमजोर रखो, जाति और धर्म वाद पर जनता को लड़ाओ उन मे फुट डालो और शासन करो की निती चल रही है । अंग्रेजी शासन और आज की रजनीतिक शासन मे केवल अंन्तर यह है कि वे विदेशी लोग थे, अब हमरे लोगो का ही शासन है, यदि अंग्रेज तिन सौ वर्षो तक शासन चला सके तो क्या हमारे ही लोग हमारा ही शासन उक्त निती पर अपने  ही देश मे छःसौ वर्षो तक शासन नही चल सकते हैं आखिर अंग्रेजी निति और शासन का अंन्त हुआ और वर्तमान निती का भी एक न एक दिन अंन्त अवश्य होगा । आज तक दुनियाँ की कोई भी शासन और निती अमर न हो सका ।
  

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