Popular Posts
-
आस्तिक या नास्तिक दिनांक – 26 अक्तुवर 2010 इस दुनिया मे आस्तिक और नास्तिक दोनो प्रकार ने लोग मिल जाएँगे, आस्तिक “ भगवान ” या “ ईश्वर ” के...
-
मानव समाज और संस्कृति का विकास। ( भाग - 1 ) संक्षिप्त इतिहास भाग - 1 दिनांक – 4.11.2010 भारतीय समाज की संस...
-
राष्ट्र भाषा एवं संस्कृति की पहचान । आदरनीय वेद प्रताप वैदिक जी सर्व प्रथम आपको करवद्ध प्रणाम- ‘ बात सिर्फ शराब की नही ‘ शिर्षक से संपद...
-
मानव समज और संस्कृति का विकास । संक्षिप्त परिचय का संशोधित रुप भाग - 1 दिनांक – 1/ 7 /2011 भारतीय समाज की स...
-
जो हमे मिला नही , जो हमने देखा नही , जिसे हमने चखा नही ,जो हम कभी वोले नही, और जिस काम को कभी किया न हो यह मानव मन वही काम को करने के लिए स...
-
किस ओर जा रहे मै अपने सोच में निमग्न था सोचते -सोचते मै झुंजला सा गया सोच यह रहा था कि आज हमारे समाज का मानव और उसकी संस्कृति किस दिशा में आ...
-
मीडिया और पत्रकार । दिनांक – 20 दिसम्बर माननीय अनिल धारकर जी , दैनिक भाष्कर ई पेपर के संपादकीय में छपा आप का लेख ‘ खुलासा या खबर ’ पढ़ा आप...
-
कला और कलाकार दिनांक – 31/12/2010 राज्य ललित कला एकाडमी लखनऊ मे दिनांक – 1 जनवरी 2011 से लगने वाली कला प्रदर्शनी मे भाग लेने वाले हमारे सभ...
-
आकाश मे उड़ता परींदा जब देखता हूँ मै उड़ते हुए उन रंग-बिरंगे पतंगो को आकाश मे, न जोने क्यो विचारो क...
-
आज की राजनीति दिनांक – 04 नवम्बर 2010 आज भारत के बुर्जआ राजनीतिज्ञ वर्ग शासन चलाने मे अक्षम हो चुके हैं। उनके पास भारतीय जनता को देने के ...
Wednesday, September 15, 2010
मानविक भावनाओं पर आघात
अभी हाल ही हम सबने देखा व पढा हमारे समाज के छुपें हुए उन साधु संतो के कारनामे,ऐसे ही साधु-संतो ने मानविक समाज के मन के भावनाओं,विशवास एवं आसथा को आघात पहुँचाया। हमारे समाज मे अनेको तरह के लोग हैं उनमे से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मेहनत कर धन कमाना नही जानते या नही चाहते , यह पथ सहज लगा कि मानविक कमजोरी, आसथा और विशवास का फायदा उठाया जाए और ऐसे लोगो ने धन कमाने के लिये मानव समाज को शरिर व धन से ठगा। ऐसा नही है कि ऐसे लोगों ने पहले समाज मे अपने लिए विशवास पैदा किया और धन कमाया, अपने लिए सारे ऐसो आराम का सामान जुटाया फिर धन कि अधिकता होने पर मानविक देह का शोषण भी करने लगे । इस आचण से कुछ एक जो सही साधु संत हैं वे भी बदनाम हुए । इस बदनामी का असर उन सही साधु संतो पर पड.ने वाला नही, उलटे ऐसे ठग साधु संतो के समाज को ही क्षति हुई और होना भी चाहिए था ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment