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Wednesday, September 15, 2010

मानविक भावनाओं पर आघात

अभी हाल ही हम सबने देखा व पढा हमारे समाज के छुपें हुए उन साधु संतो के कारनामे,ऐसे ही साधु-संतो ने मानविक समाज के मन के भावनाओं,विशवास एवं आसथा को आघात पहुँचाया। हमारे समाज मे अनेको तरह के लोग हैं उनमे से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मेहनत कर धन कमाना नही जानते या नही चाहते , यह पथ सहज लगा कि मानविक कमजोरी, आसथा और विशवास का फायदा उठाया जाए और ऐसे लोगो ने धन कमाने के लिये मानव समाज को शरिर व धन से ठगा। ऐसा नही है कि ऐसे लोगों ने पहले समाज मे अपने लिए विशवास पैदा किया और धन कमाया, अपने लिए सारे ऐसो आराम का सामान जुटाया फिर धन कि अधिकता होने पर मानविक देह का शोषण भी करने लगे । इस आचण से कुछ एक जो सही साधु संत हैं वे भी बदनाम हुए । इस बदनामी का असर उन सही साधु संतो पर पड.ने वाला नही, उलटे ऐसे ठग साधु संतो के समाज को ही क्षति हुई और होना भी चाहिए था ।

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