मिला-जुला खेल जमाखोरों का ।
आज दिनांक – 23 दिसम्बर 2010, हिन्दुस्तान के प्रथम पृष्ठ सातवाँ कालम में छपा घंटो में उतरे प्याज के दाम शिर्षक से ( विशेष संवादाता ) का प्रस्तुति पढ़ा। इसमें लिखा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्याज आयात एवं निर्यात पर से अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध हटा लिया गया है। पहले बाजार में कृत्रिम अभाव बना कर पहले से जमाखोरों द्वारा इक्कठा किये गये प्याज, बाजार में भाव बढ़ने पर उसे बेच कर मुनाफा कमाया जा रहा है। केन्द्र सरकार पैदावारी कम होने की बात कर रही है। अब प्याज को विदेशों से आयात करने की बात हो रही है। यदि प्याज की आयात जरुरी है, तो जरुर किया जाए, परन्तु इस बार हर खरीददारी में पारदर्शिता बनाये रखने की जरुरत है। ताकि फिर से कहीं कोई घोटाले का बीज अंकुरित न होने पायें, नहीं तो कुछ सालों बाद यह खबर समाचार पत्रों के मुख्य पृष्ठ का विषय बन जाएगी। इस समय चौंक्कना रहने की जरुरत है, मुख्यतः हमारे देश के प्रमुख स्तंभकारों को ।
No comments:
Post a Comment